
आज मै आप सभी को दिल देहला देने वाली कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह कहानी एक पिता और पुत्र की है जिसमे लड़के के पिता की मृत्यु हो जाती है और उसके लड़के को बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पढता है
तो यह कहानी वसीम पर है जिसकी उम्र 15 साल है।
वसीम अपने अब्बू के साथ रहता था और उसके अब्बू किसी बीमारी के कारण चल नहीं सकते थे। वह कम उम्र में ही बाहर जाने लगा और लोगों के जूते पॉलिश करके पैसे कमाने लगा। वह अपना और अपने अब्बू का पेट भरने के लिए पैसे कमाता था। उसके अब्बू की बीमारी इतनी बढ़ गई थी कि कुछ दिनों में ही उनकी मृत्यु हो गई।
उस लड़के के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अपने अब्बू का अंतिम संस्कार अच्छे से कर सके। उसने जैसे-तैसे करके अपने अब्बू को कब्रिस्तान में दफनाया। उसने यह सब कुछ अकेला किया और उसे समझ में नहीं आया कि सुबह से कब शाम हो गई और शाम से कब रात हो गई। उसके अब्बू की मृत्यु के बाद, वह बहुत बेबस और अकेला महसूस करने लगा। वह सोचने लगा कि अब वह क्या करेगा और रोते-रोते घर की ओर बढ़ा।
जब वह चल रहा था, तो उसे पीछे से किसी ने आवाज दी बेटा वसीम ...... और वह अचानक रुक गया, क्योंकि उसके पिता उसे इसी तरह पुकारते थे। उसे लगा कि वह सपना देख रहा है या उसके कान बज रहे हैं। तभी पीछे से आवाज आई, “वसीम बेटा, वसीम बेटा, रुको। मुझे प्यास लगी है, पानी पिला दो।” वह तुरंत पीछे मुड़ा और ‘अब्बू अब्बू‘ पुकारने लगा, लेकिन पीछे कोई भी नहीं था। वह फिर ‘अब्बू अब्बू‘ चिल्लाने लगा, लेकिन सामने से कोई जवाब नहीं आया। फिर वसीम को समझ में आया कि वह अपने अब्बू को बहुत मिस कर रहा है।
फिर वह अपना मन पक्का करके वापस जाने लगा, तब उसे अचंभित होना पड़ा। कब्रिस्तान का गेट जो कुछ देर पहले खुला था, अब बंद हो गया था; शायद किसी ने ताला लगाकर बंद कर दिया होगा। हालांकि, कब्रिस्तान में एक और गेट भी था जो दूसरे कोने पर स्थित था। वसीम को उस गेट तक पहुंचने के लिए कब्रिस्तान के बीच से जाना पड़ेगा। पर उसके पास और कोई विकल्प नहीं था, इसलिए वह दूसरे गेट की तरफ जाने लगा। बहुत रात हो चुकी थी, तेज हवा चल रही थी और कब्रिस्तान में गहरा सन्नाटा पसरा हुआ था।
अंधेरे में, वह कब्रिस्तान और भी भयानक लग रहा था। वसीम जल्दी से वहां से बाहर निकलना चाहता था। पर थोड़ी दूर जाने पर उसे कुछ अजीब सा दिखाई दिया। उसने देखा की वहां एक आदमी घुटनों पर सर झुकाकर बैठा हुआ था। वसीम सोच रहा था कि आदमी ऐसे सुनसान कब्रिस्तान में अकेला क्या कर रहा है। वसीम ने आवाज लगाई, पर आदमी ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर वसीम उसके पास गया जब वसीम उसके पास गया और उसकी पीठ पर हाथ रखा, तो उसने देखा की आदमी ने अचानक अपनी गर्दन पीछे मोड़ी। वह आदमी बहुत ही भयानक दिख रहा था और गुस्से से वसीम को देख रहा था। वसीम डरकर जोर से चिल्लाया और वहां से दौड़ने लगा।
कुछ दूर जाकर, वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया। उसने जो देखा था, उससे वह बहुत डरा हुआ था। वह डरावने चेहरे को नहीं भूल पा रहा था और इतना डर गया था कि उसमें उठकर घर जाने की हिम्मत नहीं थी। वह सुबह का इंतजार कर ही रहा था के थोड़ी देर बाद, वहां पर घना कोहरा चढ़ गया और वसीम को उस घने कोहरे के कारण कुछ नजर नहीं आ रहा था तभी अचानक,वसीम को एक औरत की परछाई दिखाई दी जो की सामने से गुजर रही थी।और फिर उसने एक छोटे बच्चे को देखा जो दौड़ रहा था और उसके पीछे एक औरत भी दौड़ रही थी।
वह बच्चा भाग गया, लेकिन वह औरत वसीम के पास आकर रुक गई। वसीम बहुत डर गया। वह औरत उसके सामने रुकी, और वहां से कोहरा उठ गया। वसीम को उस औरत का चेहरा दिखाई दिया। वह औरत ऐसे दिख रही थी जैसे कि मानो वह कई 1000 सालों से कब्र में दफन थी और अभी अभी उसके सामने आ गई हो। वह औरत डरावनी लग रही थी और धीरे-धीरे वसीम की तरफ बढ़ रही थी। जब वसीम भागने के लिए उठा, तो उसका पैर फिसल गया और वह पास की कब्र में गिर गया। वह कब्र से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह बाहर नहीं निकल पा रहा था। उसे लगा कि किसी ने पीछे से पकड़ रखा है। जब उसने पीछे देखा, तो वह औरत ने उसका गला पकड़ रखा था और वसीम कब्र में नीचे जा रहा था।
धीरे-धीरे वसीम की आंखें बंद होने लगी, तभी अचानक किसी ने उसका हाथ पकड़ कर उसको बाहर खींचा; लेकिन वहां कोई नहीं था। वसीम कब्रिस्तान के गेट की तरफ भाग गया और वहां से बाहर निकला। वह बहुत डर हुआ था। कुछ देर बाद उसे यह अहसास हुआ कि जिसने उसे कब्र से बाहर निकाला वह उसके अब्बू थे। फिर उस रात के बाद वसीम समझ गया कि कुछ लोग आपसे किसी कारण से दूर हो जाते हैं, फिर भी वे आपका ख्याल रखते हैं।
Disclamire : यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका असल जिंदगी से कोई लेना देना नही है , हम केवल मनोरंजन के लिए इस कहानी को आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है
@rehman
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