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एक ऐसी बस जो चलती है अन्धकार में जबलपुर से नागपुर का बड़ा ही खौफनाक सफ़र

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम है गोबू और आप देख रहे है mpscarytv
 

दोस्तों आज मै आपको ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहा हु जिसे सुनकर आप भी काँप जाओगे तो बढ़ते है आज की कहानी की ओर

मेरा नाम वसीम है और मै मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर का रहने वाला हु ये बात 1 साल पहले की गर्मी की है जब मै नागपुरअपनी सिस्टर के घर जा रहा था मेने बस की बुकिंग की हुई थी मै घर से (12:30) की बस के लिए निकला और बस स्टैंड पहुँच गया लेकिन बस नहीं आई हुई थी मेरे पीछे और भी यात्री थे जिन्हें नागपुर जाना था सभी अपना अपना बैग लेकर आये हुए थे इतनी रात में खड़े खड़े इंतज़ार करने के बाद मुझे बहुत गुस्सा आने लगा मै बस के ऑफिस गया तो वहां के मेनेजर ने बोला की बस अचानक खराब हो गयी है इसलिए थोडा टाइम लगेगा आप स्टैंड पर जाकर बस का इंतज़ार कीजिये मुझे बहुत गुस्सा आया
 

और मै बस स्टैंड की तरफ जाने लगा रास्तता काफी सूनसान था तभी एक बस दिखाई दी मै उस बस के पास गया तो उसमे से कंडक्टर ने मुझसे कहा की यही बस नागपुर जा रही है और आपने इसी बस पर टिकेट बुक की है तो मै बिना कुछ सोचे समझे उस बस पर चढ़ गया उस बस पर सिर्फ दो यात्री थे मेने सोचा और अभी आ जायेंगे तो मै बस पर सामान रख कर उसमे लेट गया बस चल पड़ी


कुछ देर बाद मेरी नज़रे एक आदमी पर पड़ी जो की अख़बार पढ़ रहा था उस अखबार में मेरी फोटो छपी थी और उसके नीचे गुमशुदा लिखा हुआ था ये देखकर में बहुत ही ज्यादा डर गया फिर मेने उस आदमी की शकल देखने की कोशिश की तो मुझे उसकी शकल नही दिखाई दे रही थी अखबार से उसका मुह ढंका हुआ था
 

कुछ देर बाद मै अपनी सीट से नीचे उतरा और कंडक्टर के पास गया बोला भैया मुझे टॉयलेट करनी है तो कंडक्टर ने बोला ये बस नहीं रुकेगी तुम नागपुर पहुँचकर कर लेना मेने बोला भैया बस तो रोकना पड़ेगा उसने मेरी तरफ गुस्से से देखा और उसका सर अचानक से ज़मीन पर गिर गया ये देखकर मै इतना डर गया की वहां से भाग कर अपनी सीट पर चढ़ गया और ये सब क्या हुआ कैसे हुआ कुछ समझ ही नही आया कुछ डियर बाद मेरी नज़र उसी अखबार लिए आदमी पर पड़ी इस बार उसके अखबार में मेने देखा की उस कंडक्टर की तस्वीर छपी हुई थी और उसके नीचे लिखा हुआ था गुमशुदा ये देखकर मेरे होश उड़ गए इसके अखबार की खबर कैसे बदल रही तभी अचानक उसका अख़बार उसकी शकल से उड़ा तो मेरी नज़र उसके चेहरे पर पड़ी उसका पूरा छेहर कंकाल जैसा दिख रहा था उसने जल्दी से अपना चेहरा अखबार से छुपा लिया और हँसते हुए भारी आवाज़ में बोला तुम्हारा भी यही हाल होने वाला है वसीम मै इतना डर गया


फिर मुझे अंदर ही अंदर लगने लगा की हो ना हो मै किसी गलत बस पर चढ़ गया हु फिर मेने सोचा अब इस बस से उतरु कैसे फिर मेने मोबाइल पर टाइम देखा तो (9 AM )हो रहे थे फिर मेने सोचा सुबह के 9 बज गए लेकिन सूरज क्यू नही निकल रहा मै खिड़की से बहार देखा तो मुझे बहुत सारे लोग दोड़ते हुए नज़र आ रहे थे वो सब के सर कटे हुए थे और उन्होंने अपना सर हाथ पर पकड़ा हुआ था ये सब देखकर मेरा दिल देहेल गया मेने जल्दी से पर्दा गिरा दिया और ये सोचने लगा की अब मै इन सब चीजों से बचू कैसे फिर मेने बस के कांच को फोड़ने की सोची मेने बहत जोरो से बस के कांच पर वार किया और कांच टूट गया मै अपना बैग लेकर उसी खिड़की से कूद गया जैसे ही मै उस बस से चल्लंग लगाया मै ज़मीन पर गिरा और मुझपर धुप पढने लगी और अचानक वो बस कही गायब हो गयी

फिर मै उठा और देखा तो वो जगह जबलपुर से 100 km की दूरी पर थी तो वहां पर एक बुडे से चाचा बेठे हुए थे मेने जाकर उनको पूरी बात बताई तो उन्होंने बोला कई लोग यहाँ पर गिरे है और कई लोगो के सर कटे हुए गिरे है और जो जिन्दा थे वो ही इस बस के बारे में बताते थे की बस का कंडक्टर शैतान है वोही सब को बस पर चदता है और फिर कटे हुए सर इसी जगह पर गिरता है और उसकी शैतानी शक्तियों से वो बस को अँधेरे में ही चलता है धुप की रौशनी कभी बस पर पढने नही देता अँधेरे में ही उसकी शक्तियां काम करती है अगर उसकी बस पर कोई यात्री बेठता है तो वो कभी सुबह नही होने देता और उस यात्री का सर काट देता है

और आज एक साल के बाद भी जब भी मै सोचता हु उस बस के बारे में तो मेरा दिल दहल उठता है      


तो दोस्तों कैसे लगी आज की हमारी यह कहानी उम्मीद है आपको पसंद आई होगी हमारे चैनल को सब्सक्राइब कीजिये 

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