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मौत की घाटी पर चलती ये ट्रेन बनी आत्मा की दर्दनाक कहानी

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तो आइए दोस्तों बढ़ते है आज की कहानी की ओर

दोस्तों मेरा नाम है गोबू और मै आज आपको ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहा हु जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे अगर उसदिन मेरा दोस्त गया न होता तो आज वह जिंदा होता 

यह घटना सन 1800 की है जब मेरा दोस्त सौरभ के साथ घटी एक खौफनाक घटना वह नही जनता था वह रात उसकी आखिरी रात होने वाली है सौरभ ट्रेन चालक था उसकी ट्रेन का नाम कजान मेल था और वह 22 सालो से ट्रेन चला रहा था पर एक रात उसकी डियूटी बदली गयी उसे 506 यात्रीयों को भारत के अंतिम छोर धनुषकोडी पर उतारना था

सन 1800 को भारत ने साउथ अंडमान के समुद्र में आने वाले तूफान की पहचान कर ली थी। इसका मतलब यह था कि बारिश और तूफान बस दस्तक देने ही वाले हैं। सब कुछ सामान्य ही लग रहा था तब तक किसी को नहीं पता था कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा एक भयानक तूफ़ान का रूप लेने वाली है।

यह तूफान पश्चिम की तरफ बढ़ने लगा। इस तूफान की रफ्तार लगभग 110 किलोमीटर प्रति घंटा की हो गयी तट पर टकराने के बाद यह तूफान North West की तरफ बढ़ने लगा। फिर इस तूफान की रफ्तार लगभग 280 किलोमीटर प्रति घंटे की हो गई।

और सौरभ को इस तूफ़ान को पार करके 506 यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुचना था वह ट्रेन चलाना शुरू किया कुछ देर बाद एक स्टेशन आया जहाँ गहरा सन्नाटा पसरा हुआ था उसके लिए ये सब नया था वह ट्रेन से उतरा साइन करने के लिए गया जब वह साईंन करके वापस ट्रेन के तरफ बढ़ा तो उसने देखा की एक बड़ी औरत सफ़ेद साड़ी पहेनकर सोना चाँदी हीरे जवाहरात लेकर बैठी हुई  उसकी ओर देख रही थी सौरभ ने जाकर पुछा '' अरे अम्मा क्या हो गया आप यहाँ अकेले बैठी हो आपको कहाँ जाना है मै छोड़ देता हु फिर वो बुडी औरत ने जो जवाब दिया ये सुनकर सौरब बहुत ही घबरा गया उस औरत ने कहा था की इस ट्रेन को वापिस ले जाओ और आगे मत बढ़ाना तुम्हे वो खज़ाना नहीं मिलेगा और तुम सब के सब मरोगे ,, ये सुनकर सौरभ को कुछ समझ में नहीं आया फिर भी उसे पसीने आ गये फिर उसने कहा अरे अम्मा ऐसा कुछ नही होगा तो उसने सौरब से कहा तू नया है तू नहीं मानने वाला जा तू मौत के मु में तुझे किसी की भी परवाह नहीं है अपने यात्रियों की भी नही सौरब जैसे ही जवाब देता की अचानक वो बूड़ी औरत कही गायब हो गई 

घबराया हुआ सौरभ वहां से दौड़ कर ट्रेन के इंजन रूम में घुस गया फिर ट्रेन चलाना शुरू कर दिया रहे रहे वो बुडिया की कही हुई बात उसे परेशान कर रही थी कुछ देर बाद उसने उस बूड़ी औरत की बातो को भी दिमाग से निकाल दिया फिर ट्रेन एक ब्रिज पर पहुची जो की एक दम सूनसान था समुद्र की सतह से लगा हुआ ब्रिज पूरी पटरियों पर पानी पानी था ट्रेन के ब्रिज  पर पहुचते ही अचानक एक तूफ़ान दिखाई दिया तो सौरभ ने तुरंत ट्रेन की रफ़्तार धीरे कर ली जब उसे तूफ़ान के साथ घना कोहरा भी दिखने लगा तो उसने ट्रेन रोक की आगे का कुछ भी सौरभ देख नही पा रहा था चारो ओर पानी पानी था ठीक से पटरिय भी दिखाई नही दे रही थी और उसका वोकी टोकी भी उस बुडिया के डर के कारण वही गिर गया था वह बहुत ही परेशान हो गया की अब क्या करू तभी जोर से चिल्लाने की आवाज़ आई मुर्दों की नगरी में तुम्हारा स्वागत है और बहुत सरे लोगो के हंसने की आवाज़ आई..... ये सब सुनकर सौरभ के पैरो तले ज़मीन खिसक गयी वह मन ही मन खुद को कोस ने लगा की उस बुडिया की बात मान लेता तो अच्छा होता बहुत देर कोहरे के छटने का इंतज़ार करने के बाद भी ना ही कोहरा हटा न ही तूफान कम होने का नाम ले रहे थे और ना ही समुद् की लहरें थमने का नाम ले रही थी  सौरब ने धीरे धीरे ट्रेन आगे बाढ़ने का फैसला किया उस ब्रिज पर मानो आत्माओं का डेरा था सौरब ने ट्रेन को जैसे ही आगे बढाया तभी अचानक ट्रेन अन बैलेंस हो गयी और समुद्र में इंजन गिरने लगा इंजन से जुडी 7 बोगियां भी पीछे पीछे समुद् में समा गयी डूबते डूबते सौरभ को उस बुडी औरत की बात याद आई अगर सौरभ उस बुडिया की बात मान लेता तो आज उसकी और 506 यात्रियों की जान बच जाती ........वो 506 यात्री, सौरब और वो ट्रेन वो सब के सब आत्मा बन गये वो पूरी ट्रेन कजान मेल आत्मा में बदल गई 

दरअसल  सौरभ को उस खजाने की लालच मेहेंगी पड़ी ये सब मुझे तब पता चला जब मै उस हादसे के बाद उसके घर गया उसकी टेबल के ड्रावर में मैंने जो देखा वो सुनकर आप हैरान हो जाएंगे दरअसल उसके द्रोवर में एक खजाने का नक्शा था जिसकी तलाश में सौरब ने अपनी जान गवा दी

तो दोस्तों कैसी लगी आपको खजान मेल की ये कहानी 

इसके अगले भाग के लिए कमेंट कीजिये  क्युकी आपके कमेंट से ही हमें हिम्मत मिलती है इसके अगले भाग में मेरा दूसरा दोस्त जायेगा और एडवेंचर से भरी ये पूरी कहानी होगी  सब्सक्राइब कीजिये MPSCARYTV को 

to be continue............


Disclamire : यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका असल जिंदगी से कोई लेना देना नही है , हम केवल मनोरंजन के लिए इस कहानी को आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है


@rehman

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